एनआरसी / एमपीडीआरएफ के विस्तृत समूह की बैठक आयोजित


: 24 नवंबर 2019 को अरेरा कॉलोनी स्थित भारत ज्ञान विज्ञान समिति के कार्यालय में एमपीडीआरएफ के विस्तृत समूह की बैठक आयोजित की गई।


सर्वप्रथम बैठक के एजेंडे का प्रस्ताव साथी विजय ने रखा।बैठक में सीमा, विजय, वासिद, अंजुम, इमरान, सैयद फैज, यासिर, मो. सुलेमान, चित्तरूपा, रेहान, अब्दुल, शिवकुमार, पवन, प्रदीप, दीपक, सचिन, निधि, अमरीन, निखत और फिरदौस व अन्य साथी मौजूद रहे।


एनआरसी का मामला और इस पर एमपीडीआरएफ की भूमिका


एनआरसी के मामले पर सबसे पहले साथी वासिद ने विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि असम अकोर्ड को पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। वासिद ने ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखते हुए मौजूदा हालात, मुश्किलें और कानूनी पहलुओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ हमारी कोई संधि नहीं है। ऐसे में इस मामले के राजनीतिकरण का असर दोनों देशों के रिश्तों पर पड़ेगा। साथ ही अगर इस मामले को बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ले जाता है, तो इससे देश की छवि पर असर पड़ेगा। 
उन्होंने मामले के राजनीतिक पक्ष को सामने रखते हुए कहा कि एनआरसी, एनपीआर और नागरिकता संशोधन बिल 2016 को एक साथ देखकर ही इस पूरे मामले को समझा जा सकता है। नागरिकता संशोधन बिल 2016 में हुए ताजा बदलाव देश में एक वर्ग विशेष को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश का हिस्सा है। 
साथी वासिद ने यह भी कहा कि इस मामले में जो 25 मार्च 1971 की कट आफ डेट है, उसे समझना चाहिए। 26 मार्च को पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी और उसके बाद पाकिस्तानी फौजें वहां पहुंची और उनकी बर्बरता के कारण लाखों लोग भारत में आए। इनमें हिंदू, मुस्लिम सभी समुदाय के लोग शामिल थे। 


तय किया गया कि इस मामले में एमपीडीआरएफ की एनआरसी वर्किंग कमेटी का गठन किया जाए। जो इस मामले पर आगामी प्रक्रिया को देखे और कार्यक्रम व हस्तक्षेप की रूपरेखा तैयार करे। इस वर्किंग कमेटी में अब्दुल, विजय, वासिद, चित्तरूपा, अंजुम, शिवकुमार, दीपक, निधि, प्रदीप, निखत और यासिर बतौर सदस्य शामिल हुए। यह कमेटी अपनी बैठक कर ठोस कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करेगी।