वक्फ बोर्ड के ऐतिहास मे पहली बार
वक्फ संपत्ति को नीजी बताने वाले हो जाएँ होशयार
मान- मंत्री जनाब आरिफ़ अकील साहब के निर्देश एवम वक्फ बोर्ड के प्रशासक निसार अहमद के मार्गदर्शन मे म-प्र- वक्फ बोर्ड मे पंजीकृत वक्फ़ों के खसरे का मीलान राज्य शासन के भू अभिलेख कम्प्युटरीकृत रिकॉर्ड से हंगामी शक्ल मे किया जा रहा है।
सूचना प्राप्त होने तक 36 जिलों की राज्य शासन के भू-अभिलेख पोर्टल से कम्प्युटरीकृत खसरों का प्रिंट आउट निकाला जा चुका हे। जिसका मीलान वक्फ बोर्ड मे पंजीकृत वक्फ रिकॉर्ड से किया जा रहा है। बोर्ड के शाखा आईटी सेल मे इन दिनों 24 घंटे कार्य जारी है। मीलान के दौरान बहुत से हैरान करने वाले तथ्य सामने आ रहे हें। भू-अभिलेख कम्प्युटरीकृत पोर्टल मे अधिकतर वक्फ़ों के खसरों मे वक्फ संपत्ति के स्थान पर शासकीए दर्ज होना पाया गया साथ ही अनेकों स्थान पर भूमि स्वामी के रूप मे वक्फ बोर्ड के बजाए अन्य किसी और व्यक्ति का नाम दर्ज पाये गए। यही कारण है कि मनमाने तरीके से वक़्फ़िया सम्पत्तियों का खुर्द बुर्द हुआ है। हालांकि शासन की ओर से इस संबंध मे एक सर्कुलर आज से 19 वर्ष पहले ही समस्त कलेक्टरो को जारी हुआ था जिसमे यह लेख किया है कि समस्त वक्फ संपत्ति को लाल स्याही से '' वक्फ संपत्ति (अ-हस्तांतरणीए) मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड'' सपष्ट रूप से अंकित करने कि कार्यवाही करें ताकि वक्फ सम्पत्तियों को हस्तांतरित होने से बचाया जा सके। परंतु अधिकांश कलेक्टरो द्वारा इसका पालन नहीं किया गया।
वक्फ हमेशा वक्फ ही रहता है।
उक्त मामला एक गंभीर मामला हे। चूंकि जो संपत्ति एक बार वक्फ हो जाती हे वह हमेशा वक्फ रहती हे। सूप्रीम कोर्ट का फेसला है "Once a Waqf, Always a Waqf." लेहाजा वक्फ संपत्ति को ना बेचा जा सकता है, ना हिबा किया जा सकता है और ना ही किसी के नाम हस्तांतरित किया जा सकता है। इसलिए वह लोग होशियार हो जाएँ जिसने ग़लत तरीके से वक्फ संपत्तियों की खरीद व फरोख्त की है।
मान मंत्री श्री आरिफ़ अकील एवम शासन द्वारा लिए गए अहम कदम:
उक्त संबंध मे शासन कि ओर से भी बड़ी पहल की गई । मान- मंत्री जनाब आरिफ़ अकील साहब की ओर से समस्त कलेक्टरो को पत्र भेजे जा रहे हें। बोर्ड के प्रशासक जनाब निसार अहमद द्वारा शासन का ध्यान इसकी ओर आकर्षित करने पर सचिव, मध्य प्रदेश शासन, पिछड़ा वर्ग तथा अल्प संखयक कल्याण विभाग ने प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग को भेजे हैं, जिसमे उल्लेख है कि भू-अभिलेख मे '' वक्फ संपत्ति (अ-हस्तांतरणीए) मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड'' अंकित किया जाए। खुशी कि बात यह है कि सचिव, मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग ने समस्त कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिये हें जिसमे लेख किया गाहा हे कि त्रुटियों की जांच कराई जाकर कम्प्युटरीकृत भू-अभिलेख मे वक्फ बोर्ड की सम्पत्तियों को मध्य प्रदेश शासन के स्थान पर पूर्वत '' वक्फ संपत्ति (अ-हस्तांतरणीए) मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड'' दर्ज कराने की विधि अनुसार कार्यवाही की जाये। कलेकटर बड़वानी दुवारा इस संबंध मे कार्यवाही शुरू भी कर दी गई है।
वक्फ बोर्ड आईटी सेल मे चल रहा हे 24 घंटे काम:
राज्य शासन के कम्प्युटरीकृत भू-अभिलेख पोर्टल से वक्फ सम्पत्तियों के समस्त खसरों की प्रेतियों के निकाले जाने का कार्य लगभग पूर्ण होने वाला है। बोर्ड के आईटी सेल मे 24 घंटे कार्य जारी है। आगामी एक सप्ताह मे स्थिति पूरी तरह सामने आ जाएगी।
वक्फ सम्पत्तियों का जीपीएस/जीआईएस का कार्य भी ज़ोरों पर :
प्रदेश के समस्त वक्फ सम्पत्तियों का जीपीएस/जीआईएस का कार्य भारत सरकार, राज्य सरकार एवम मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की निगरानी मे अधिकृत एजेंसी क्रिस्प भोपाल द्वारा किया जा रहा है। जिससे यह पता चल सकेगा कि वक्फ संपत्ति पर वर्तमान मे कौन क़ाबिज़ हे। वामसी ऑनलाइन पोर्टल पर कोई भी देख सकेगा। शाखा प्रभारी डॉ अकमल यजदानी ने बताया की अभी तक लगभग 9000 वक्फ सम्पत्तियों का जीपीएस/जीआईएस हो चुका है जिसमे से 3000 वक्फ सम्पत्तियों की जानकारी वामसी पोर्टल पर उपलब्ध है। अभी हाल ही मे श्योपुर जीला का जीपीएस/जीआईएस का कार्य पूर्ण हुआ है जिससे कई तथ्य सामने आए है।
उपरोक्त समस्त कार्य मान- मंत्री जनाब आरिफ़ अकील साहब की सख्त निगरानी एवम नेक जज़बात के नतीजे ही मे संभव हो पा रहा है।
प्रेषक:
असलम शेर खान
विशेष अतिथि संपादक
रहबरे मुस्लिम भोपाल