ताकत ही ताकत /सेहत सही रखने का नुस्ख़ा /
एक बार जरूर पढ़ें
रसूलल्लाह ﷺ के घर वालों में से जब कोई बीमार होता था तो हुक्म होता के उसके लिए तल्बीना तैयार किया जाए, फिर फरमाते थे कि तल्बीना बीमार के दिल से गम को उतार देता है,
और उसकी कमज़ोरी को यूं उतार देता है जैसे के तुम में से कोई अपने चेहरे को पानी से धोकर उससे गंदगी उतार देता है।
-----इब्ने माजा )
हज़रत आयशा रज़ीअल्लाहू तआला अन्हा से रिवायत है के..तल्बीना दिल को मजबूत करता है।-------बुखारी)
तल्बीना बीमार के हृदय (दिल) को राहत पहुंचाता है,और उदास की उदासी दूर करता है।----बुखारी, व मुस्लिम शरीफ़)
हज़रत आयशा सिद्दीक़ा रज़ीअल्लाहू तआला अन्हा मय्यित के घर वालों और रोगी के लिए तल्बीना का आदेश, सूचना जारी करतीं।मुत्तफ़िक़ अलैह)
आज की नई साइंस रिसर्च ने यह साबित किया है कि
(जौ) एक औषधीय गुण तथा स्वास्थ्य वर्धक लाभदायक अनाज है।
जौ में दूध के मुकाबले में 10 गुना अधिक कैल्शियम होता है और पालक से ज्यादा फौलाद मौजूद होता है उसमें तमाम जरूरी विटामिन्स भी पाए जाते हैं, परेशानी और थकान के लिए भी तल्बीना फ़ायदे बख़्श है,
हुज़ूर अलैहिस्सलाम फरमाते हैं:
यह मरीज के दिल की तमाम बीमारियों का इलाज है और दिल से गम को उतार देता है"----बुखारी, मुस्लिम, तिर्मीजी, नसई, अहमद,)
रिवायत है के---जब कोई नबी ﷺ से भूख की कमी कि शिकायत करता तो आप ﷺ उसे तल्बीना खाने का हुक्म देते और फरमाते के खुदा की कसम जिसके कब्जा ए क़ुदरत में मेरी जान है यह तुम्हारे पेटों से गलाज़त को इस तरह उतार देता है जिस तरह तुम में से कोई अपने चेहरे को पानी से धो कर साफ कर लेता है।
नबी ए पाक ﷺ को मरीज के लिए तल्बीना से बेहतर कोई चीज पसंद न थी। उसमें जौ के लाभों फ़ायदों के साथ शहद के गुण भी शामिल हो जाते थे। उसे नीम गरम खाने, बार-बार खाने और खाली पेट खाने को ज़्यादा पसंद करते थे।(भरे पेट भी यानी हर समय,हर उम्र का व्यक्ति उसका उपयोग कर सकता है, सेहतमंद भी,बीमार भी)
नोट:----तलबीना न सिर्फ बीमारों के लिए बल्के तंदुरुस्तों के लिए भी बहुत बेहतरीन चीज है, बच्चों,वयस्कों,बूढ़ों और घर के सारे सदस्यों के लिए खुराक ' टॉनिक भी, दवा भी, शिफा भी और अता भी..
खासतौर पर दिल के मरीज, टेंशन,
मानसिक तनाव,
दिमागी बीमारियां,
पेट, जिगर, पट्ठे,तंत्रिका(Neural,
मसल्स) महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की सभी बीमारियों के लिए अनोखा टॉनिक है।
(जौ") जिसे अंग्रेजी में 'barley' कहते हैं, उसको दूध के अंदर डाल कर 45 मिनट तक दूध में गलने दें, और उसकी खीर सी बनाएं। उसके अंदर आप चाहे तो शहद डाल दें या खजूर डाल दे। उसे तल्बीना कहेंगे।
तल्बीना बनाने की तरकीब:-----
दूध को एक जोश (उबाल) दे कर जौ डाल दे, हल्की आंच पर 45 मिनट तक पकाएं, और चमचा चलाते रहें.
जौगल कर दूध में मिल जाए तो खजूर मसल कर मिक्स कर लें, मीठा कम लगे तो थोड़ा शहद मिला लें, ये खीर की तरह बन जाएगा।
चूल्हे से उतारकर ठंडा कर लें ऊपर से बादाम, पिस्ता काट कर छिड़क दें.
(खजूर की जगह शहद भी मिला सकते हैं)
तल्बीना के तिब्बी फायदे ओर गुण------
उसके कई फायदे बयान किए जाते हैं
1. गम डिप्रेशन 2.मायूसी,उदासी 3. कमर दर्द 4. खून में हिमोग्लोबिन की शदीद कमी 5. पढ़ने वाले बच्चों में याददाश्त की कमज़ोरी 6. भूख की कमी 7. वजन की कमी 8.कोलेस्ट्रोल की अधिकता 9.दुर्बलता 10. दिल और आंतों की बीमारियां
11.पेट (stomach) का वरम,सूजन 12. अल्सर कैंसर 13.रोग प्रतिकारक, इम्युनिटी की कमी 14. जिस्मानी कमजोरी
15.मानसिक रोग 16. दिमागी बीमारियां 17. जिगर 18. पठ्ठे 9. निढाल होना 20. वसवसे (ऑब्सेशन) 21. चिंता (anxiety) के अलावा दूसरी बेशुमार बीमारियों में लाभदायक है, और यह भी अपनी जगह एक हकीकत है के इसमें दूध से ज्यादा कैल्शियम और पालक से ज्यादा फौलाद पाया जाता है इस वजह से तल्बीना की अहमियत बढ़ जाती है