जस्टिस बोबडे ने कहा कि एक बात तो साफ है कि वहा´ पर क¸ब्ज़े को लेकर विवाद था, लेकिन क्या ये विवाद सिर्फ¸ राम चबूतरे का था या पूरे जन्मस्थान का? मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश शेखर नाफडे ने कहा कि हिन्दू वहां पर कुछ जमीन पर पूजा करते थे. उनका सिर्फ राम चबूतरे पर नियंत्रण था, वे स्वामित्व हासिल करने की कोशिश कर रहे थे जिसे अस्वीकार कर दिया गया था. उन्होंने अतिक्रमण करने के लिए लगातार प्रयास किया.
नाफडे ने कहा कि वहां पर हिंदुओं का सीमित अधिकार था और वो उसको बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा कि न्यायिक कमिश्नर ने माना था कि वहां पर हिंदुओं का सीमित अधिकार था और वो उसको बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हिंदुओं के सीमित अधिकार को स्वीकार किया था उनका स्वामित्व स्वीकार नहीं किया था.
नाफडे ने कहा कि 1885 के सूट पर फैजाबाद की अदालत का फैसला हिंदुओं पर बाध्यकारी है. इस फैसले में अदालत ने मंदिर के निर्माण और अन्य अधिकारों से इनकार कर दिया था.
मुख्य न्यायाधीश ने मुस्लिम पक्षकारों के वकील शेखर नाफड़े से पूछा कि आप अपनी दलील कबतक पूरी कर लेंगे. शेखर नाफडे ने कहा 2 घंटे और मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम अपना शिड्यूल नही बदलेंगे.